जिस घर मे बाबोसा की, दिव्य ज्योती जलती है….
Category: विविध भजन
नित् ज्योत जगा के माँ मैं तेरी,
मोह पण काचा, म्हारा सतगुरु जी साचा,
मेरे हर गलती पे, बाबोसा पर्दा तू डालके,
बहुत लगने लगा है डर,
दुनिया से
अधर स्वरूपी हँसला आया, चोंच पांख नही लाया,
हंसला उड़ जा, उड़ जा हंस वाली चाल, बुगलां री चाल्यां हंसला छोड़ दे।।
जंभेश्वर बीरा रोटु में आवजो जी, बाई उमा जोवे बाटडली थारी ।।
प्रभु चरणों में अर्पण ना हो वो जीवन किस काम का,
तल्या वाड़ी उपर वृष पीए, माली छाप मंजारा,
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