धरती सूरज चंद सितारे,
होते ये दिन रात नहीं,
Category: विविध भजन
मस्ती तेरे नाम की सब संगत पर छाई,
दगरो छोड़ दे रे लांगुरिया
रे मन फूला फूला फिरे जगत में ये कैसा नाता रे….
पता दे कोई मुझको,
मेरे प्रभु का दरबार कहां होगा,
अब कैसे छूटे राम नाम रट लागी,
हरि सुमिरन करो सुबह शाम हरि जी बेड़ा पार करें
आनंदपुर में जो सज कर बैठे हम उस के दीवाने है…..
सब से पेहले तूने मेरा दिल किया चोरी
आयु तेरी बीत रही है कुछ तो सोच विचार,
जन्म ये मिले ना बारम्बार….
You must be logged in to post a comment.