रोए रोए द्रोपत कान्हा को पुकारती जी,
Category: विविध भजन
आजु सखि, राखी को त्यौहार
करते है कलयुग में, श्री बाबोसा चमत्कार,
ये करुणा क्यों करी, जरा इतना बता दो हरि।
इरो वेदो में यश गायो, शिव ब्रह्मा विष्णु मनायो, पृथ्वी भारी दुःख है पायो, जय हो गौ मातारी,
सबसे पहले मैं लूंगा, बाबोसा का नाम,
हम है तेरे बस तेरे रहेंगे, नाम तेरा ही जपते रहेंगे,
भज ले प्राणी रे अज्ञानी,दो दिन की जिंदगानी, वृथा क्यों भटक रहा है,
तेरी जिंदगी सुख से कट जाएगी तू नाम हरि का भज ले।
दुनियाँ से दिल लगाकर, दुनियाँ से क्या मिलेगा,
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