तेरे चरणों का मैं प्रेमी हूँ, एक नज़र करदे,
Category: विविध भजन
जब से तुम संग लौ लगाई, मैं बड़ी मस्ती में हूँ,
यह अवसर फिर नहीं मिलने का, सतसंग करो
सुमिरन क्यों नि करे, क्यों रे मन सुमिरन क्यो नि करे।
जमुना तेरे समीर
थोडी मंड मंड चले
राम मिलण रो घणो रे उमावो, नित उठ जोऊ बाटड़िया
इस दुनिया में सुंदर सुंदर, फूल खिलाने वाला, तरह तरह की कठपुतली को, नाच नचाने वाला, बोलो कौन है,
जिस सुख की चाहत में तू,
दर दर को भटकता है,
चार खुट में फिरो भल्याई, दिल का भेद नहीं देणा रे
देखे री मैंने दो झूले मतवाले,
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