हरि हर दोनो एक ही हैं. ना ये कम है ना वो कम है।
Category: विविध भजन
माला री तेरा जपना कठिन है
लुट गयी लुट गयी लुट गयी रे जिंदगानी भजन बिन लुट गयी गयी रे।
भगवन तेरी दुनिया का ये हाल कैसा हो गया
मनडो लागो मेरो राम फकीरी में,
सुण ज्यो ध्यान लगाए ,
जग में नींद ने लेवे 9 जणा।
आजु सिया जू के ब्याह की लगनिया, ए सखी घर घर मंगल
ये मत कहो खुदा से,
मेरी मुश्किलें बड़ी है,
तेरे फूलों से भी प्यार, तेरे काँटों से भी प्यार,
मंगल गाओ री सखी री मेरी आज सगुन भये मेरे घर में।
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