चरणो से लिपट जाऊं धूल बन के,
Category: विविध भजन
आपने अपना बनाया मेहरबानी आपकी
सूवा रे सूवा, बणखंडी सूवा,
कौन खड़ी शमशान घाट पर, आधी रात अंधेरे में
गजराज भयो जद आधी रैन तिसायो
चांदनीये में चमके चिर,चिर उढ़ासी म्हारो धरम को वीर
प्रभु का नाम लेने से तेरी क्या जीभ दुखती
मन के मंदिर में प्रभु को बसाना,
बात हर एक के बस की नहीं है,
बजाओ राम नाम की ताली
आया ऐसा बुढ़ापा ओ मेरे सांवरिया।
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