काहे करेलू गुमान गोरी सावन में
Category: विविध भजन
राम जी रा नाम बिना, बेल बन जाओला
हरि ओम शिव ओम शिव रट रे
ओ मेरे वतना वे, तेरे लिए जीता हूं
बेगा पधारो प्रभु कठिन घड़ी है
बरस रही प्रभु की कृपा अपार।
तर्ज,म्हारी सोन रे चिड़ी कारीगर मत ना भटके रे,मुसाफिर तू क्यूं भटके रे ।कर मालिक ने याद काम थारो,कदे नी अटके रे । कारीगर पथर घड़े,पथर में पायो छेद ।छेद माँहि कीड़ो जीवतो रे,नहीं जीवण री उम्मीद ।के मुख माँहि दाणो लटके रे,कर मालिक ने याद काम थारो,कदे नी अटके रे । कारीगर किरतार ने […]
चोखी लाया गुरूसा म्हारी ज्ञान माला
तुमको रामायण की रेल में घुमाऊं सांवरिया।
थोड़ा राम ने भजो ये म्हारी जीभडली
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