मेरी बंधी राम से डोर भजन में बैठ गई,
Category: विविध भजन
जाने कहां गए भगवान लक्ष्मी फूट-फूट के रोई,
हरी ओम हरी ओम होवे सत्संग में।
जरा धीरे धीरे गाड़ी हांको,
मेरे राम गाड़ी वाले,
राम नाम रो गुगरियो घड़ा दे,गुगरियो घड़ा दे,
रामजी रे संग मैं तो नाचूंगी
हो रही भागवत गीता सुन रहे राम और सीता
कुछ भी कर लयो मने कोई रोक ना पावेगा
होंशियार रहना रे
नगर में चोर आवेगा
वहाँ मेरा हंस रहवाया हे धर्मी,
बागा मत जा रे थारी काया में गुलजार।
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