मनवा खेती करो रे हरी नाम की
Category: विविध भजन
जैसे सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को मिल जाये तरुवर कि छाया
तेरा बिरहन नैण उघाड़ एरी बावली ए गयो तो जमारो हार
सालासर से लाई बीजना,
ओ मन बड़ो जबर रे संता,
ओ मन बड़ो जबर रै,
करो हरि का भजन प्यारे, उमरिया बीती जाती है।।
भजन बिना कोई न जागै रे, लगन बिना कोई न जागै रै।
अंगना में ढोलकी बजे कीर्तन का बहाना है।
कर दो मेरा भी उद्धार,
नैया डोल रही मजधार,
लेलो राम नाम का शरना रे होजा सफल कमाई।
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