जब छोड़ चलु इस दुनियाँ को,
होठों पे नाम तुम्हारा हो,
Category: विविध भजन
राम और लक्ष्मण दशरथ के बेटे,
दोन्यूं बण ठण जाय,
पोरा पाप रा आया,
छुटा नेम धर्म सब डूबा,
सावन आयो सुघड़ सुहावनौ जी
भूल बैठा हरि नाम अच्छी नहीं बात है
चालबा दे तेजा हलिया होले होले।
कोई किसी का नहीं प्यारे भजन करो,
मैंने गुरु बनाया बिणजारा मेरा श्याम कोटडी वाला ।
अचरज खेल अचंभा देखया,
बिटिया पूछती है गर्भ में से यह रोते-रोते।
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