शब्द झड़ लाग्यो जी,बरसन लाग्यो रंग
Category: विविध भजन
मेरे घर में घुसो है बवाल ,बवाल, बहू के लटके दो चुटिया
धरो हाथ अपनी छाती पर फिर पाटेगा बेरा रे।
मालासेरी डूंगरिया में मुरली बाजी रे
ना हम किसी के, ना कोई हमारा,
सबसु न्यारो सबसु प्यारो म्हारे मरुधर देश
सुरता आज पूनम की है रात,
गई रे सतसंगत में,
म्हारो मोह माया में जीव घणों, जावे रे म्हारा सांवरिया, मैं माला कैसे फेरू ली
मोकों कहाँ ढूँढ़े बंदे, मैं तो तेरे पास में।
काँटो लाग्यो रे सतसंग में म्हारे खटक रह्यो दिन रात,
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