जंगल को जोगी बन गयो रे छोड़ भरतरी सबने।
Category: विविध भजन
मेरा तेरा मनुओं कैसे इक होई रे
उड़ जाएगा,उड़ जाएगा,उड़ जाएगा, हंस अकेला,
मांगे से कुछ नही मिलता बिन मांगे मिलता है
थारा पति ने परमेश्वर जान बहना म्हारी ये।
मुनि साँच बतादे,जीव कहां से आया
कुंवा रे तेरो ठंडो पानी, ठंडो पानी।
संतों की गली जाना रे मन बेईमान।
पंडा को लग गई चुड़ेलन की पंडा उड़तो फिरे
बाबो जाने रे भाई बाबो जाने। तू तो थारो धर्म निभाईजे रे आगे बाबो जाने।
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