कहाँ तोहर आसन बासन कहाँ निज धाम
Category: विविध भजन
म्हारी कंचन वाली काया में दाग लगाया भोला जीवडा
ओढ़ो ओढ़ो ये सुहागन नार चुनर सत्संग की।
नारी ने नर को जनम दीया क्या खेल रचाया नारी ने।
घणा दिन सो लिया रे अब तो जाग मुसाफिर जाग
जरा इतना बता दे गंगे मा तू धरती पे कैसे आयी।
यही है विधि का विधान, पिता घर बेटी रखी ना जाए।
हरि ने भजो रे लोभी लालची,
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Tu jhoom,तू झूम झूम झूमतू झूम झूम झूम,
तू झूम झूम झूम।तू झूम झूम झूम,
निर्गुण गालियां सांकरी म्हारी हेली
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