चार चार सखियां घर में बैठी भजनों में दोए घड़ी बेलो राम।
Category: विविध भजन
जाने किस-किस को नच नच गई रे माया की चिरैया।
O bahna meri bahna tera pyar hi mera gahna ,
मुझे बताओ दुनिया वालों बेटी क्या संतान नहीं।
कोई मत चालो, इण मनड़े रे लारे,
भैया मेरे भैया
राखी के दिन चले आना
बाँधु जिसपे राखी,
वो कलाई चाहिए,
मैं ऐयां कोनी जानियों बुढ़ापो बेरी आजासी।
बहन में दे दूं झुकता तोल बुढ़ापा जो कोई लेता होये
अरे तू मन की मौज उड़ा दे भंवरा फिर नहीं आएगा।
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