कार्तिक में भजन सुनाया करो। हरि चरणों में शीश झुकाया करो।
Category: विविध भजन
मुसाफिर क्यारी करे रखवाली, चिड़िया चुग गई खेत।
पहला क्यों नी करी रखवाली, थारो चिड़िया चुग गई खेत
अरे चेत रे नर चेत रे
थारो चिड़िया चुग गयी खेत रे।
बिना बाप के बेटा सुना बिन माता के र छोरी
कैसे भूले धर्म की हानि मंदिर याद दिलाता है।
म्हारे घर आया लक्ष्मी जी आज सोने रो सूरज उगियो।
मेरी बहना तेरे संग, मुझको संग रहना है।
हरि तू ही जाने रे भगवान माला नहीं फेरी।
आ जाओ लक्ष्मी मैया पूजन में ,अब रात गुजरने वाली है।
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