हरि भजवा रे काज बणायो ,
मोहन मंदिरियो।
Category: विविध भजन
दिल का क्या करूं यह तेरे बिना नहीं लगता नहीं लगता।
जय हनुमान की जय सियाराम की, राम के भजन बिन काया किस काम की।
नस नस में भरी पीर सखी मेरो कैसे बखत कटेगो।
जल केडी तम्बुडी,
पवन केडी झारी रे,
हाँ जी रे दिवाना थारी उमर,
बीती जावे रे दिवाना,
नाम जप ले हरि का नाम जप ले, उम्र तेरी कट जाएगी नाम जप ले
एक मंदिर में पांच सहेली आपस में बतलावे।
मेरी पांचों उंगलियां बड़े काम की, जय बोलो सीताराम की।
अरे मेरे सब बातन को ठाठ राम गुण अब नहीं गाऊंगी।
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