मोहन बाबा तुम से बोलूं एक बात में।
Category: विविध भजन
अब ना रुकेगा भगवा, अब ना झुकेगा भगवा।
हिये काया में बर्तन माटी रो
हिये देहि मे,बर्तन माटी रो,
कलयुग पल पल बढ़ता जाए रे विष्णु लो कल्कि अवतार
वाह वाह रे मोज फकीरा की।
प्यासा हिरन जैसे, ढूंढे है जल को
ऐसे प्रभु मैं तुझे खोज रहा
ये रे मनवा दो दिन की जिंदगानी थारी मत कर मान गुमान, थोड़ा रट ले हरि को नाम।
कुण तो लाया तूम्बड़ा,
ने कुण तो नागर बेल,
भरती होजा रे सतसंग मै ,
नर थारो भाग खुलेला ।
जोबनियो जातो रियो अब,
आई बुढ़ापा री वार रे ।
You must be logged in to post a comment.