काहे काया का करता गुमान रे, सुबह शाम जपो राम जपो राम।।
Category: विविध भजन
काहे रोए यहाँ तेरा कोई नहीं। किसको सुनाए यहाँ कोई नही
वृंदावन आया कौन सखी यह तो बताओ।
काया नही तेरी नही तेरी
मत कर मेरी मेरी।
हम तेरे नादान से बालक,
तुम दया के सागर हो,
दुनिया जलती है जलने दो। खाओ पियो मस्त रहो
ले लो रे हरी का नाम
कर्मा का साथी कोई नही
अरे हट जा सासु आगे से मोहे सत्संग में जाबा दे।
अमिया झरे ओ साधु अमिया झरे,
चढ़ो चढ़ो साडू का कंवरा, चढ़ो चढ़ो साडू का वो लाला।
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