आयो री नज़र चंदा चौथ को,
Category: विविध भजन
जाऊं कहाँ तजि चरण तुम्हारे,
तेरा रहमो करम, बाबोसा कैसे भूलेंगे हम, बाबोसा तुमपे किया है, ये जीवन अर्पण।
सुख-दुख रो जोड़ो जग रे माई, साथ सूखीया ना कोई रे जी
जिस पथ पे चला उस पथ पे मुझे
आँचल तो बिछाने दे
हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफिर की तरह,
भगति दोरी रे, भगति वाली बातां करबो सोरी रे. भक्ति दोरी रे
आंख्या देखो भाईड़ा, कानों री खिड़कियां खोलो रे, सत्संग में चालो रे, मिलसी राम जी ।।
दोय दिना री बन्दा सायबी, कांई तेग दिखावे।
राम ने भजलो रे भाई, राम ने भजलो रे भाई। भाई लेवा ने हरी नाम, तिरवा ने हैं गंगा माई ।
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