भजो रे भैया, राम गोविंद हरि, राम गोविंद हरि,
Category: विविध भजन
जग में हँसता रहेगा प्राणी, कभी कष्ट ना पाएगा
आजा तेजल आजा, गौ माता रा राजा
ओम रटो दिल खोल के, हो भैया क्या करोगे माया को जोड़ के..
हर हाल में खुश रहना संतो से सीख जाएं॥
सारी दुनिया में हम लोगों के अंदाज़ निराले हैं,
हम बाबा वाले हैं
खाली जाऊ ना सरकार खड़ा सु अड़ के,
जन्मो जनम मिले,
मुझे बाबोसा तेरा प्यार,
छुटे ना हमसे कभी,
तेरा ये साँचा दरबार,
काले बिना बात के लात, बता तने कैसे मारी
तेरी काया नगर का कौन धणी मारग में लुटे पांच जणी
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