कल्कि अवतार लेके आएंगे मुरारी भगवा फिर लहराएगा।
Category: विविध भजन
मुझे कौन जानता था,
तेरी बंदगी से पहले,
भाई थोड़ी सबर कोई कर जातो, बुरो हादसों टल जातो।
रूम झूम करता पधारो मारा भैरो जी
तुझे ब्रम्हा,
हो तुझे ब्रम्हा विष्णु भोला ने,
हर हर गँगे बोला,
मुझे तूने दाता बहुत कुछ दिया है,
तेरा शुक्रिया है, तेरा शुक्रिया ।
इस पापी युग में गौ माता का, कोई कोई रखवाला,
कोई कहियो रे प्रभु आवन की,
आवन की मन भावन की
थारा बंगला में परदेसी, डटगो कोनी,
काया नगर रे ओले डोले,
ज्ञान पपैया बोले,
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