चुमाबहू है लालना धीरे धीरे।
Category: राम भजन लिरिक्स
सुहाग बरसे बनी तोहरे अंगनवा।
नजरिया लग जाएगी मेरे बनडे को कोई मत देखो।
सीता पढ़न चली स्कूल कर्म की रेखा न्यारी है।
सुनाओ सब सखियां स्वागत में गारी सुनाओ।
आये गए रघुनंदन ,सजवादो द्वार-द्वार
बनी आए सुघर रघुराज बनरा मिथिला में।
छाड़ब नाही दुवारी हो सुनिए रघुनंदन
जोड़ी राम लखन की आ गई दर्शन कर लियो लांगुरिया।
हे तु कौन से पेड़ से लाई है भीलनी मीठे तेरे बैर।
You must be logged in to post a comment.