हे तु कौन से पेड़ से लाई है भीलनी मीठे तेरे बैर।हे तु कौन से पेड़ से लाई है भीलनी मीठे तेरे बैर।
चोगर ते हम हांड के आए, इतने मीठे बेर ना पाए। तूं कित ते तोह के लाइए भीलनी,मीठे तेरे बैर।हे तु कौन से पेड़ से लाई है भीलनी मीठे तेरे बैर।
क्या ते इतना कष्ट करें थी। इतनी चीज क्यों ला कर धरे थी। मारी खातिर खाट बिछाई है भीलनी,मीठे तेरे बैर।हे तु कौन से पेड़ से लाई है भीलनी मीठे तेरे बैर।
क्यों बुढ़िया तेरा सहारा ना कोई। किसकी याद में जा थी रोई। क्यों आंख तेरी भर आई है भीलनी,मीठे तेरे बैर।हे तु कौन से पेड़ से लाई है भीलनी मीठे तेरे बैर।
हे खाकर बैर म्हारा पेटा भर गया। प्रेम देख जी रटन का कर गया। तू क्यों मन में घबराई है भीलनी,मीठे तेरे बैर।हे तु कौन से पेड़ से लाई है भीलनी मीठे तेरे बैर।
आज तेरा ये उद्धार करूंगा।जो मांगे तने ये दूंगा। कार्तिक भी देवे बुलावा भीलनी आएंगे फेर।हे तु कौन से पेड़ से लाई है भीलनी मीठे तेरे बैर।हे तु कौन से पेड़ से लाई है भीलनी मीठे तेरे बैर।