इस ऋषि मुनि के आश्रम में, सिया लव कुश को समझाएं रही
Category: राम भजन लिरिक्स
रघुनंदन दीनदयाल हो तुम,
श्री राम तुम्हारी जय होवे,
जाके पढ़े पार हो जाए जग में रामायण सुखकारी।
शबरी के खुल गए भाग कुटिया में राम आ गए।
बोल बोल काग़ा मेरे, राम कब आएँगे,
सिया निकले अवाधवा के ओर होलिया खेले राम लला
कहाँ गयी रे जानकी कुटिया के खुल्ले है किवाड़।
राम नाम लड्डू गोपाल नाम घी, हरि नाम मिश्री तू घोल घोल पी
सीता माता की गोदी में हनुमत डाली मूंदड़ी
रघुकुल प्रगटे हैं रघुबीर
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