मन में ना किसी से बैर रहे ।जीभा पर तेरी ही टेर रहे। कुछ ऐसा कर दो हमें, प्रभु प्रेम से भर दो हमें।मन में ना किसी से बैर रहे ।जीभा पर तेरी ही टेर रहे। कुछ ऐसा कर दो हमें, प्रभु प्रेम से भर दो हमें।प्रभु प्रेम से भर दो हमें।प्रभु प्रेम से भर दो हमें।
जीवन सदा चहकता रहे ,कृपा तुम्हारी होती रहे। मालिक हो तुम बंदे हैं हम,दया तुम्हारी मिलती रहे। मन के मंदिर में,तेरे लग्न की, लो एक जलती रहे।मन में न कणिक अभिमान रहे, इस चित्त में सच्चा ज्ञान रहे। कुछ ऐसा वर दो हमें।प्रभु प्रेम से भर दो हमें।प्रभु प्रेम से भर दो हमें।
मन में अटल विश्वास हो, हर पल तुम्हारा एहसास हो। शुभ कर्म हम करते रहें, हर एक सुबह एक नई आस हो। मन के एकतारे संग, होठों पे हरदम, तेरी ही अरदास हो। किसी फिक्र का सर पर ना बोझ रहे, इस दिल में तेरी ही मौज रहे। कुछ ऐसा वर दो हमें।प्रभु प्रेम से भर दो हमें।प्रभु प्रेम से भर दो हमें।
भूल से भी बिसराए ना ,अपना कर्म और अपना धर्म। हारे नहीं किसी हाल में ,आगे बढ़ाते जाएं कदम। रोते हुए हम आए इस जग में, हंसते हुए निकले दम। जो फिर से दोबारा जन्म मिले, फिर से तेरे चरणों की शरण मिले। कुछ ऐसा वर दो हमें।प्रभु प्रेम से भर दो हमें।प्रभु प्रेम से भर दो हमें।
मन में ना किसी से बैर रहे ।जीभा पर तेरी ही टेर रहे। कुछ ऐसा कर दो हमें, प्रभु प्रेम से भर दो हमें।मन में ना किसी से बैर रहे ।जीभा पर तेरी ही टेर रहे। कुछ ऐसा कर दो हमें, प्रभु प्रेम से भर दो हमें।प्रभु प्रेम से भर दो हमें।प्रभु प्रेम से भर दो हमें।