मां कितनी अच्छी होती है ,मां कितनी प्यारी होती है। मोहब्बत मां की दुनिया से, अलग और न्यारी होती है।मां कितनी अच्छी होती है ,मां कितनी प्यारी होती है। मोहब्बत मां की दुनिया से, अलग और न्यारी होती है।
मैं मां की भोली सूरत पर, करूं कुर्बान दुनिया को।न मां होती तो ना मिलती, कभी संतान दुनिया को।मैं मां की भोली सूरत पर, करूं कुर्बान दुनिया को।न मां होती तो ना मिलती, कभी संतान दुनिया को। बराबर मां के ना माल और ,ना हीरे मोती है।मां कितनी अच्छी होती है ,मां कितनी प्यारी होती है। मोहब्बत मां की दुनिया से, अलग और न्यारी होती है।
प्यारी मां अपने बच्चों को ,जान से ज्यादा करती है। ना बदले की रखे हसरत ,ना कोई बाधा करती है।प्यारी मां अपने बच्चों को ,जान से ज्यादा करती है। ना बदले की रखे हसरत ,ना कोई बाधा करती है। कलेजे पर सुलाकर हाथ, बालों में पिरोती है।मां कितनी अच्छी होती है ,मां कितनी प्यारी होती है। मोहब्बत मां की दुनिया से, अलग और न्यारी होती है।
वह घर मंदिर से कम ना है ,जहां मां जैसी मूरत है। सामने मां है तो कहीं ,भी न जाने की जरूरत है।वह घर मंदिर से कम ना है ,जहां मां जैसी मूरत है। सामने मां है तो कहीं ,भी न जाने की जरूरत है। कहीं रोशन जहां मुन्ना, मां तो बस ऐसी ज्योति है। मां कितनी अच्छी होती है ,मां कितनी प्यारी होती है। मोहब्बत मां की दुनिया से, अलग और न्यारी होती है।