फकीरी में मजा जिसको, अमीरी क्या बिचारी है ।फकीरी में मजा जिसको, अमीरी क्या बिचारी है ।फकीरी में मजा जिसको, अमीरी क्या बिचारी है ।
तजे सब काम दुनिया के, फिकर घरबार के छूटे।तजे सब काम दुनिया के, फिकर घरबार के छूटे।
सदा एकांत में वासा, याद प्रभु की पियारी है।फकीरी में मजा जिसको, अमीरी क्या बिचारी है ।फकीरी में मजा जिसको, अमीरी क्या बिचारी है ।
नहीं नौकर किसी जन के, न दिल में लालसा धन की।नहीं नौकर किसी जन के, न दिल में लालसा धन की।सबूरी धारकर दिल में, फिरे जंगल विहारी है।फकीरी में मजा जिसको, अमीरी क्या बिचारी है ।
मिला सतसंग सन्तन का, चले नित ज्ञान की चर्चा।मिला सतसंग सन्तन का, चले नित ज्ञान की चर्चा।पिछाना रूप अपने को, द्वैत सब दूर टारी है।फकीरी में मजा जिसको, अमीरी क्या बिचारी है ।
सबी जग जीव से प्रीती, बराबर मान अपमाना।सबी जग जीव से प्रीती, बराबर मान अपमाना।
वो ब्रम्हानंद पूरण में, मगन दिन रैन सारी है।फकीरी में मजा जिसको, अमीरी क्या बिचारी है ।
फकीरी में मजा जिसको, अमीरी क्या बिचारी है ।फकीरी में मजा जिसको, अमीरी क्या बिचारी है ।फकीरी में मजा जिसको, अमीरी क्या बिचारी है ।फकीरी में मजा जिसको, अमीरी क्या बिचारी है ।