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Girnar jana hai by vicky d parekh,गिरनार का प्यार जहां गिरनार जाना है

प्यारा सा वो गिरनार है, कण कण में तेरा एहसास है। शंखनाद घंट नाद गूंजता है यूं, पल पल लगे कहे मेरा है तू। तेरा ही था तेरा ही हूं मैं।  तुझको बताना है। गिरनार का प्यार जहां ,गिरनार जाना है।गिरनार जाना है।गिरनार जाना है।तेरा ही था तेरा ही हूं मैं।  तुझको बताना है। गिरनार का प्यार जहां ,गिरनार जाना है।गिरनार जाना है।गिरनार जाना है।

सुबह का वह प्रक्षालन, शाम की वह भक्ति में। स्वर्ग सा वो मिलता है सुकून। अंखियों के आंसू में ,दिल की वह धड़कन में। बजे नेम रस की प्यारी धुन। दीवाना था दीवाना हूं मैं, दीवाना ही रहना है।तेरा ही था तेरा ही हूं मैं।  तुझको बताना है। गिरनार का प्यार जहां ,गिरनार जाना है।गिरनार जाना है।गिरनार जाना है।

जब भी गिरनार आता हूं ,प्यार तेरा पाता हूं। चाहूं मैं कहना तुझसे कुछ। तेरी श्याम सूरत में ,प्यारी प्यारी मूरत में, देख तुझे जाता हूं मैं भूल। प्यारा सा वो नजारा तेरा, मुझको लूभाता है।तेरा ही था तेरा ही हूं मैं।  तुझको बताना है। गिरनार का प्यार जहां ,गिरनार जाना है।गिरनार जाना है।गिरनार जाना है।

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