जय जय कार, जय जयकार, जय जय कार,संयम का जय जयकार।जय जय कार, जय जयकार, जय जय कार,संयम का जय जयकार।
इसी मार्ग के जरिए हमने, महावीर प्रभु को पाया। इसी मार्ग पर चलकर चंदना ने आत्म सूखता पाया। अब तुमने भी अपनाया है संयम के इस मार्ग को। बढ़ो निरंतर तुम इस पथ पर, पाओ अंतर ज्ञान को। यह मनोरथ हासिल करके गौरव सबका बढ़ा है। संयम का रंग लगा , आतम में संभाव जगा। वीरती का का रंग लगा ,निज आतम में संभाव जगा।संयम का रंग लगा।जय जय कार, जय जयकार, जय जय कार,संयम का जय जयकार।
वीरती का वेश है और वीरों का मार्ग । प्रभु का उपदेश है और समता का राग। सफल बनो तुम सबल बनो तुम, और तुम नित राग बनो। करो तपस्या साधना और यह, भवसागर तुम पार करो। मुक्त बानो सारे कर्मों से, प्रभु शरण की हो छाया।का रंग लगा , आतम में संभाव जगा। वीरती का का रंग लगा ,निज आतम में संभाव जगा।संयम का रंग लगा।जय जय कार, जय जयकार, जय जय कार,संयम का जय जयकार।जय जय कार, जय जयकार, जय जय कार,संयम का जय जयकार।जय जय कार, जय जयकार, जय जय कार,संयम का जय जयकार।जय जय कार, जय जयकार, जय जय कार,संयम का जय जयकार।जय जय कार, जय जयकार, जय जय कार,संयम का जय जयकार।