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tan tar na sakega murkh prani ram ke bina,तन तर ना सकेगा, मूर्ख प्राणी राम के बिना,

तन तर ना सकेगा, मूर्ख प्राणी राम के बिना।तन तर ना सकेगा, मूर्ख प्राणी राम के बिना। सुख पा ना सकेगा जीवन भर, सुखधाम के बिना।सुख पा ना सकेगा जीवन भर, सुखधाम के बिना।सुख पा ना सकेगा जीवन भर, सुखधाम के बिना।तन तर ना सकेगा, मूर्ख प्राणी राम के बिना।

बिन पानी के नव चले ना, घी बिन दीप जले।बिन पानी के नव चले ना, घी बिन दीप जले।नारी ुहागन नहीं लगे तक ना मांग रे। नीलकंठ कोई हो ना सका, बीसपान के बिना।सुख पा ना सकेगा जीवन भर, सुखधाम के बिना।सुख पा ना सकेगा जीवन भर, सुखधाम के बिना।तन तर ना सकेगा, मूर्ख प्राणी राम के बिना।सुख पा ना सकेगा जीवन भर, सुखधाम के बिना।सुख पा ना सकेगा जीवन भर, सुखधाम के बिना।तन तर ना सकेगा, मूर्ख प्राणी राम के बिना।

चंदन बिना ललाट में सोहे, योगी ज्ञान बिना।चंदन बिना ललाट में सोहे, योगी ज्ञान बिना।जो धनवान ना शोभित हो, पाता है ज्ञान बिना। तीरथ व्रत बेकार सभी है, हरि नाम के बिना।सुख पा ना सकेगा जीवन भर, सुखधाम के बिना।सुख पा ना सकेगा जीवन भर, सुखधाम के बिना।तन तर ना सकेगा, मूर्ख प्राणी राम के बिना।सुख पा ना सकेगा जीवन भर, सुखधाम के बिना।सुख पा ना सकेगा जीवन भर, सुखधाम के बिना।तन तर ना सकेगा, मूर्ख प्राणी राम के बिना।

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