गंगा किनारे हरियो रुखडो मारी हेली, जठे गुरु सा उभा आए रे।गंगा किनारे हरियो रुखडो मारी हेली, जठे गुरु सा उभा आए रे।जठे गुरु सा उभा आए।
जठे गुरु सा आसान ढालियो म्हारी हेली, बैठा है आसान ढाल, मारी हेली।बैठा है आसान ढाल।जठे गुरु सा ज्ञान सुना दियो म्हारी हेली। सुन जो थे चित् लगाए रे।सुन जो थे चित् लगाए।गंगा किनारे हरियो रुखडो मारी हेली, जठे गुरु सा उभा आए रे।जठे गुरु सा उभा आए।
सासरिया आवेला घूंघट काढजो मारी हेली। इन सू बड़ेला थारा मान रे।इन सू बड़ेला थारा मान। पिवरिया आवे तो हंस ने बोलजो मारी हेली,इन सू बड़ेला थारा मान।गंगा किनारे हरियो रुखडो मारी हेली, जठे गुरु सा उभा आए रे।जठे गुरु सा उभा आए।
घनों ही कमायो घनों जोड़ियों म्हारी हेली। करियो ना मुट्ठी दान रे।करियो ना मुट्ठी दान। बंद मुट्ठी तो जग में आईयो मारी हेली, जानो है हाथ पसार।गंगा किनारे हरियो रुखडो मारी हेली, जठे गुरु सा उभा आए रे।जठे गुरु सा उभा आए।
कहे कबीर धर्मी दास रे म्हारी हेली। हरि भजो उतरौला पा रे।हरि भजो उतरौला पार।गंगा किनारे हरियो रुखडो मारी हेली, जठे गुरु सा उभा आए रे।जठे गुरु सा उभा आए।
गंगा किनारे हरियो रुखडो मारी हेली, जठे गुरु सा उभा आए रे।जठे गुरु सा उभा आए।गंगा किनारे हरियो रुखडो मारी हेली, जठे गुरु सा उभा आए रे।जठे गुरु सा उभा आए।