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Satguru puche re chunar teri kaise bigdi,सतगुरु पूछे रे चुनर तेरी कैसे बिगड़ी,nirgun Bhajan

सतगुरु पूछे रे चुनर तेरी कैसे बिगड़ी।सतगुरु पूछे रे चुनर तेरी कैसे बिगड़ी। कैसे बिगड़ी चुनर तेरी कैसे बिगड़ी।कैसे बिगड़ी चुनर तेरी कैसे बिगड़ी।सतगुरु पूछे रे चुनर तेरी कैसे बिगड़ी।सतगुरु पूछे रे चुनर तेरी कैसे बिगड़ी।

लख चौरासी की धूमधाम में, चुनर तूने पाई।लख चौरासी की धूमधाम में, चुनर तूने पाई। कैसे दाग लगाई चुनर के, तूने नहीं बचाई।सतगुरु पूछे रे चुनर तेरी कैसे बिगड़ी।सतगुरु पूछे रे चुनर तेरी कैसे बिगड़ी। कैसे बिगड़ी चुनर तेरी कैसे बिगड़ी।कैसे बिगड़ी चुनर तेरी कैसे बिगड़ी।सतगुरु पूछे रे चुनर तेरी कैसे बिगड़ी।सतगुरु पूछे रे चुनर तेरी कैसे बिगड़ी।

नई नवेली चुनर ओढ़ी, काया थारी चमकी।नई नवेली चुनर ओढ़ी, काया थारी चमकी। होश भूल कर फिरे जगत में खबर नहीं इस तन की।सतगुरु पूछे रे चुनर तेरी कैसे बिगड़ी।सतगुरु पूछे रे चुनर तेरी कैसे बिगड़ी। कैसे बिगड़ी चुनर तेरी कैसे बिगड़ी।कैसे बिगड़ी चुनर तेरी कैसे बिगड़ी।सतगुरु पूछे रे चुनर तेरी कैसे बिगड़ी।सतगुरु पूछे रे चुनर तेरी कैसे बिगड़ी।

सत्संग में तु कभी ना आयो ,मोह माया में खोयो।सत्संग में तु कभी ना आयो ,मोह माया में खोयो। ऐसी दशा कर काल आपकी, लिख लिख कागज़ पायो।सतगुरु पूछे रे चुनर तेरी कैसे बिगड़ी।सतगुरु पूछे रे चुनर तेरी कैसे बिगड़ी। कैसे बिगड़ी चुनर तेरी कैसे बिगड़ी।कैसे बिगड़ी चुनर तेरी कैसे बिगड़ी।सतगुरु पूछे रे चुनर तेरी कैसे बिगड़ी।सतगुरु पूछे रे चुनर तेरी कैसे बिगड़ी।

ध्रुव प्रहलाद सुदामा ने ओढ़ी ,सुखदेव निर्मल किन्ही।ध्रुव प्रहलाद सुदामा ने ओढ़ी ,सुखदेव निर्मल किन्ही। दास कबीर ने ऐसी ओढ़ी, चुनर निर्मल कर दीनहीं।सतगुरु पूछे रे चुनर तेरी कैसे बिगड़ी।सतगुरु पूछे रे चुनर तेरी कैसे बिगड़ी। कैसे बिगड़ी चुनर तेरी कैसे बिगड़ी।कैसे बिगड़ी चुनर तेरी कैसे बिगड़ी।सतगुरु पूछे रे चुनर तेरी कैसे बिगड़ी।सतगुरु पूछे रे चुनर तेरी कैसे बिगड़ी।

सतगुरु पूछे रे चुनर तेरी कैसे बिगड़ी।सतगुरु पूछे रे चुनर तेरी कैसे बिगड़ी। कैसे बिगड़ी चुनर तेरी कैसे बिगड़ी।कैसे बिगड़ी चुनर तेरी कैसे बिगड़ी।सतगुरु पूछे रे चुनर तेरी कैसे बिगड़ी।सतगुरु पूछे रे चुनर तेरी कैसे बिगड़ी।

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