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विविध भजन

O mere watna ve by kanhaiya mittal,ओ मेरे वतना वे तेरे लिए जीता हूं

ओ मेरे वतना वे, तेरे लिए जीता हूं

ओ मेरे वतना वे, तेरे लिए जीता हूं। ओ मेरी भारत मां ,तेरे लिए जीता हूं। तेरी शान की खातिर मैं ,दुनिया से लड़ता हूं। ओ मेरे देश में तेरे लिए जीता हूं।ओ मेरी भारत मां ,तेरे लिए जीता हूं।

यह केसरिया रंग तेरा ,मेरी रगों में दौड़े। तक खेतों की हरियाली, हो जाते सीने चौड़े। यहां  दुर्गा की है शक्ति, शंकर का बोल बाला। यहां राम का नाम जुबा पर, रखती है हर एक बाला। मेरी धरती मेरी मां है ,मुझे इसमें ही है मिलना। फिर मिलकर इस मिट्टी में ,है फूल की तरह खिलना।है फूल की तरह खिलना।ओ मेरे वतना वे, तेरे लिए जीता हूं। ओ मेरी भारत मां ,तेरे लिए जीता हूं।

किस में है इतनी हिम्मत, जो आंख उठा कर देखें। हम घर में घुसकर मारे ,हम पर जो पत्थर फेके। यहां राम रूप भी है तो, नरसिंहा भी है जानो। अब अपनी आंखें खोलो, इस जिद्दी को पहचानो। यह देश हमारी जां है ,इसकी भारी गरिमा है। यह देश अपनी दुनिया, भारत हमारी मां है।भारत हमारी मां है।ओ मेरे वतना वे, तेरे लिए जीता हूं। ओ मेरी भारत मां ,तेरे लिए जीता हूं।

जो प्रह्लाद के तप को जाने, जो बजरंग का जप जाने। जो मां की करुणा समझे ,वही भारत को जाने। है चांद पर जाकर हमने, अपने हैं झंडे गाड़े। सरहद पर खड़ा हर फौजी, शेरों की तरह है दहाड़े। यहां हर घर में है तिरंगा, फर फर फर फर  लहराता। जिसे देख के बच्चा-बच्चा, मन ही मन में इतराता।मन ही मन में इतराता।ओ मेरे वतना वे, तेरे लिए जीता हूं। ओ मेरी भारत मां ,तेरे लिए जीता हूं।

ओ मेरे वतना वे, तेरे लिए जीता हूं। ओ मेरी भारत मां ,तेरे लिए जीता हूं। तेरी शान की खातिर मैं ,दुनिया से लड़ता हूं। ओ मेरे देश में तेरे लिए जीता हूं।ओ मेरी भारत मां ,तेरे लिए जीता हूं।

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