तर्ज,कन्हैया ले चल परली पार
प्रभु सब में सम भाव बिराजे, सबका करे उद्धार ।प्रभु सब में सम भाव बिराजे, सबका करे उद्धार ।बरस रही प्रभु की कृपा अपार।बरस रही प्रभु की कृपा अपार।
कान मिले सत्संग सुनने को, नैन मिले दर्शन करने को।कान मिले सत्संग सुनने को, नैन मिले दर्शन करने को। हाथ मिले सेवा करके नर, मानस जन्म सुधार।बरस रही प्रभु की कृपा अपार।बरस रही प्रभु की कृपा अपार।प्रभु सब में सम भाव बिराजे, सबका करे उद्धार।बरस रही प्रभु की कृपा अपार।बरस रही प्रभु की कृपा अपार।
जीभ मिली हरि नाम जपन को, बुद्धि मिली है श्रवण मनन को।जीभ मिली हरि नाम जपन को, बुद्धि मिली है श्रवण मनन को। मनन करत नीत धाम करो हो, जाओ भव से पार।बरस रही प्रभु की कृपा अपार।बरस रही प्रभु की कृपा अपार।प्रभु सब में सम भाव बिराजे, सबका करे उद्धार।बरस रही प्रभु की कृपा अपार।बरस रही प्रभु की कृपा अपार।
धन यौवन का मान ना कीजे, मानव जन्म सफल कर लीजे।धन यौवन का मान ना कीजे, मानव जन्म सफल कर लीजे। राम नाम का सुमिरन करके, हर में हरी निहार।बरस रही प्रभु की कृपा अपार।बरस रही प्रभु की कृपा अपार।प्रभु सब में सम भाव बिराजे, सबका करे उद्धार।बरस रही प्रभु की कृपा अपार।बरस रही प्रभु की कृपा अपार।
सत्संग सेवा सुमिरन करले। श्रद्धा भक्ति से झोली भर ले।सत्संग सेवा सुमिरन करले। श्रद्धा भक्ति से झोली भर ले। राम कथा की गंगा नहा ले भिक्छु करे पुकार।बरस रही प्रभु की कृपा अपार।बरस रही प्रभु की कृपा अपार।प्रभु सब में सम भाव बिराजे, सबका करे उद्धार।बरस रही प्रभु की कृपा अपार।बरस रही प्रभु की कृपा अपार।
प्रभु सब में सम भाव बिराजे, सबका करे उद्धार ।प्रभु सब में सम भाव बिराजे, सबका करे उद्धार ।बरस रही प्रभु की कृपा अपार।बरस रही प्रभु की कृपा अपार।