प्रभु प्रेम की गली में, आता है कोई कोई।प्रभु प्रेम की गली में, आता है कोई कोई। प्रभु नाम की गंगा में ,नहाता है कोई कोई।प्रभु प्रेम की गली में, आता है कोई कोई।प्रभु प्रेम की गली में, आता है कोई कोई।
समान और सम्मान तो यह जहांन चाहता है।समान और सम्मान तो यह जहांन चाहता है। हकदार मार प्यार से खाता है कोई कोई।प्रभु प्रेम की गली में, आता है कोई कोई।प्रभु प्रेम की गली में, आता है कोई कोई।
रंगरलियों की गलियों में लोग भटकते हैं।रंगरलियों की गलियों में लोग भटकते हैं। इन मस्तों की बस्ती में आता है कोई कोई।प्रभु प्रेम की गली में, आता है कोई कोई।प्रभु प्रेम की गली में, आता है कोई कोई।
निंदा बुराई क्रोध लोभ ,चित में बैठाते हैं।निंदा बुराई क्रोध लोभ ,चित में बैठाते हैं। गुरु जन के वचन मन में, बिठाता है कोई कोई।प्रभु प्रेम की गली में, आता है कोई कोई।प्रभु प्रेम की गली में, आता है कोई कोई।
निज तन की मेल मल मल, सब लोग छुड़ाते हैं।निज तन की मेल मल मल ,सब लोग छुड़ाते हैं। पर मन की मेल मन से, छुड़ाता है कोई कोई।प्रभु प्रेम की गली में, आता है कोई कोई।प्रभु प्रेम की गली में, आता है कोई कोई।
जन्मे वह मरने वाला, सब लोग बताते हैं।जन्मे वह मरने वाला, सब लोग बताते हैं। पर अजर अमर रूप तो बताता है कोई कोई।प्रभु प्रेम की गली में, आता है कोई कोई।प्रभु प्रेम की गली में, आता है कोई कोई।
धन पाकर धनी दुनिया के, लोग कहाते हैं।धन पाकर धनी दुनिया के, लोग कहाते हैं।पर शहंशाह भीक्षु पाता है कोई कोई।प्रभु प्रेम की गली में, आता है कोई कोई।प्रभु प्रेम की गली में, आता है कोई कोई।