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विविध भजन

Jis dwar pe aadar bhaw na ho us dwar pe Jana na chahiye,जिस द्वार पर आदर भाव ना हो उस द्वार पर जाना ना चाहिए

जिस द्वार पर आदर भाव ना हो, उस द्वार पर जाना ना चाहिए।

जिस द्वार पर आदर भाव ना हो, उस द्वार पर जाना ना चाहिए।जिस द्वार पर आदर भाव ना हो, उस द्वार पर जाना ना चाहिए। जिस दान में श्वेत भावना हो, उस दान को लाना ना चाहिए।जिस द्वार पर आदर भाव ना हो, उस द्वार पर जाना ना चाहिए।जिस द्वार पर आदर भाव ना हो, उस द्वार पर जाना ना चाहिए।



जिस कूल में जिसने जन्म लिया, उस कूल को लजाना ना चाहिए। जिस सच से जिनकी जान बचे, उस सच को छुपाना ना चाहिए।जिस द्वार पर आदर भाव ना हो, उस द्वार पर जाना ना चाहिए।जिस द्वार पर आदर भाव ना हो, उस द्वार पर जाना ना चाहिए।



जिस प्रीत से प्रेम कलंकित हो, वो प्रीत लगानी ना चाहिए। जिस गीत से श्रोता शर्म करें, उसे गीत को गाना ना चाहिए।जिस द्वार पर आदर भाव ना हो, उस द्वार पर जाना ना चाहिए।जिस द्वार पर आदर भाव ना हो, उस द्वार पर जाना ना चाहिए।



जिस रीत से जग कल्याण ना, हो वो रीत चलानी ना चाहिए। जिस जीत से मन बेचैन रहे,वो जीत भी पानी ना चाहिए।जिस द्वार पर आदर भाव ना हो, उस द्वार पर जाना ना चाहिए।जिस द्वार पर आदर भाव ना हो, उस द्वार पर जाना ना चाहिए।



जिस शान से किसी का मान घटे, वो शान दिखानी ना चाहिए। गिर गया हो खुद की नजरों से,उससे नजर मिलानी ना चाहिए।जिस द्वार पर आदर भाव ना हो, उस द्वार पर जाना ना चाहिए।जिस द्वार पर आदर भाव ना हो, उस द्वार पर जाना ना चाहिए।

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