रंग चढ़ा है श्याम धनी का, छाई मस्त बहार है। खाटू धाम चलो सारे ,बुलाए लखदातार है।खाटू धाम चलो सारे ,बुलाए लखदातार है।खाटू धाम चलो सारे ,बुलाए लखदातार है।
फागुन मेले का सबको, इंतजार सा रहता है। रंग रंगीला मेंला है, मन में उमंगे भरता है।फागुन मेले का सबको, इंतजार सा रहता है। रंग रंगीला मेंला है, मन में उमंगे भरता है। 1 साल में आता देखो, रौनक लिए हजार है।खाटू धाम चलो सारे ,बुलाए लखदातार है।खाटू धाम चलो सारे ,बुलाए लखदातार है।
पैदल चलकर आते हैं, हाथों में निशान उठाते हैं। सांवरिया के गुण गाते, और चंग धमाल बजाते हैं।पैदल चलकर आते हैं, हाथों में निशान उठाते हैं। सांवरिया के गुण गाते, और चंग धमाल बजाते हैं। झूम झूम कर नाचे प्रेमी आनंद छाए हजार है।खाटू धाम चलो सारे ,बुलाए लखदातार है।खाटू धाम चलो सारे ,बुलाए लखदातार है।
क्या देखा जीवन में जो, फागुन मेला ना देखा। होली खेलते सांवरिया, भक्तों के संग में खुश देखा। राकेश फागुन मेले खाटू ,आता हर एक बार है।खाटू धाम चलो सारे ,बुलाए लखदातार है।खाटू धाम चलो सारे ,बुलाए लखदातार है।
रंग चढ़ा है श्याम धनी का, छाई मस्त बहार है। खाटू धाम चलो सारे ,बुलाए लखदातार है।खाटू धाम चलो सारे ,बुलाए लखदातार है।खाटू धाम चलो सारे ,बुलाए लखदातार है।