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durga bhajan lyrics दुर्गा भजन लिरिक्स

paalki Mein Hoke Sawar Chali Re Main To apni maiya ke Dwar Chali Re,पालकी में होके सवार चली रे मैं तो अपनी मैया के द्वार चली रे,durga bhajan

पालकी में होके सवार चली रे, मैं तो अपनी मैया के द्वार चली रे।

पालकी में होके सवार चली रे, मैं तो अपनी मैया के द्वार चली रे।पालकी में होके सवार चली रे, मैं तो अपनी मैया के द्वार चली रे। कोई रोक सके तो रोक ले, मैं नाच उठी छम छम छम, पालकी में होके सवार चली रे। मैं तो अपनी मैया के द्वार चली रे।

बागों से जाके फूल ले आई, चुन चुन कलियां मैं हार बनाई।बागों से जाके फूल ले आई, चुन चुन कलियां मैं हार बनाई। मैया को हार पहनाने चली रे, मैं तो अपनी मैया के द्वार चली रे।पालकी में होके सवार चली रे, मैं तो अपनी मैया के द्वार चली रे।पालकी में होके सवार चली रे, मैं तो अपनी मैया के द्वार चली रे।

जयपुर शहर से चुनरी मंगाई, प्यारा सा उसमे गोटा लगाई।जयपुर शहर से चुनरी मंगाई, प्यारा सा उसमे गोटा लगाई।मैया को चुनरी ओढाने चली रे, मैं तो अपनी मैया के द्वार चली रे। पालकी में होके सवार चली रे, मैं तो अपनी मैया के द्वार चली रे।पालकी में होके सवार चली रे, मैं तो अपनी मैया के द्वार चली रे।

पालकी में होके सवार चली रे, मैं तो अपनी मैया के द्वार चली रे।पालकी में होके सवार चली रे, मैं तो अपनी मैया के द्वार चली रे। कोई रोक सके तो रोक ले, मैं नाच उठी छम छम छम, पालकी में होके सवार चली रे। मैं तो अपनी मैया के द्वार चली रे।

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