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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Bhole le chal hari ke dwar,भोले मोहे ले चल हरि के द्वार,shiv bhajan

भोले मोहे ले चल हरि के द्वार

भोले मोहे ले चल हरि के द्वार।भोले मोहे ले चल हरि के द्वार।

जहां बिराजे गौरा रानी, गणपत की सरकार।भोले मोहे ले चल हरि के द्वार।भोले मोहे ले चल हरि के द्वार।भोले मोहे ले चल हरि के द्वार।



शीश भोले की जटा बिराजे, जटा बिराजे भोले जटा बिराजे। उनकी जटा में बहती रहती, निर्मल गंगा धार। भोले मोहे ले चल हरि के द्वार।भोले मोहे ले चल हरि के द्वार।भोले मोहे ले चल हरि के द्वार।



गले भोले के मुंडो की माला।गले भोले के मुंडो की माला। मुंडो की माला, भोले मुंडो की माला। उनकी गले में लिपटा  रहता, विषधर काला नाग। भोले मोहे ले चल हरि के द्वार।भोले मोहे ले चल हरि के द्वार।भोले मोहे ले चल हरि के द्वार।



हाथ बोले के डमरु सोहे।हाथ बोले के डमरु सोहे। डमरु सोए भोले डमरु सोहे।
उनका डमरू बजता रहता, बजता चारों धाम। भोले मोहे ले चल हरि के द्वार।भोले मोहे ले चल हरि के द्वार।



पांव भोले के खड़ाऊं साजे।पांव भोले के खड़ाऊं साजे। खड़ाऊं साजे भोले घुंघरू बाजे।
उनके पांवों में बजती रहती, घुघरू की झंकार। भोले मोहे ले चल हरि के द्वार।भोले मोहे ले चल हरि के द्वार।



संग भोले के नंदी सोहे।संग भोले के नंदी सोहे।
बांए अंग में गौरा सोहे, गौरा सोहे भोले गौरा सोए। उनकी गोद में बैठे रहते, गजानंद सरकार।भोले मोहे ले चल हरि के द्वार।भोले मोहे ले चल हरि के द्वार।

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