तर्ज, तुझे सूरज कहूं या चंदा
तुम्हें राम कहूं या विष्णु, या कहूं नंद का लाला, हर युग में दर्शन देता, मनमोहन मुरली वाला।हर युग में दर्शन देता, मनमोहन मुरली वाला।
सतयुग में विष्णु बनकर, तूने संसार रचाया।तेरी माया अजब निराली, कोई ये समझ ना पाया।सतयुग में विष्णु बनकर, तूने संसार रचाया।तेरी माया अजब निराली, कोई ये समझ ना पाया। तू नारायण कहलाया है तेरा रूप निराला। हर युग में दर्शन देता, मनमोहन मुरली वाला।हर युग में दर्शन देता, मनमोहन मुरली वाला।
श्री राम बने त्रेता में दशरथ नंदन कहलाए। चुन चुन के पापी पी मारे, असुरों को खोज मिटाए।श्री राम बने त्रेता में दशरथ नंदन कहलाए। चुन चुन के पापी पी मारे, असुरों को खोज मिटाए। किये भक्तों के मनचाहे, तू प्रभु है दीन दयाला, हर युग में दर्शन देता, मनमोहन मुरली वाला।हर युग में दर्शन देता, मनमोहन मुरली वाला।
द्वापर में कृष्ण कन्हैया, मुरलीधर बनके आए। महाभारत करके क्षेत्र में, गीता का ज्ञान सुनाएं।द्वापर में कृष्ण कन्हैया, मुरलीधर बनके आए। महाभारत करके क्षेत्र में, गीता का ज्ञान सुनाएं। कण कण में तुम समाया ,तेरा रूप है भोला भाला। हर युग में दर्शन देता, मनमोहन मुरली वाला।हर युग में दर्शन देता, मनमोहन मुरली वाला।
हारे का सहारा बनके, कलयुग में लीला दिखाई। तूने मोर छड़ी है घुमाई, भक्तों की करी सहाई।हारे का सहारा बनके, कलयुग में लीला दिखाई। तूने मोर छड़ी है घुमाई, भक्तों की करी सहाई। चरणों में ध्यान हो मेरा, तेरा रूप बड़ा अलबेला। हर युग में दर्शन देता, मनमोहन मुरली वाला।हर युग में दर्शन देता, मनमोहन मुरली वाला।
तुम्हें राम कहूं या विष्णु, या कहूं नंद का लाला, हर युग में दर्शन देता, मनमोहन मुरली वाला।हर युग में दर्शन देता, मनमोहन मुरली वाला।