तर्ज, राधिका गोरी से
सुन मेरी मैया ए ,भवानी जगदंबे, चुनर ले आयो तेरे द्वार। कर लो कर लो मां इसे स्वीकार।सुन मेरी मैया ए ,भवानी जगदंबे, चुनर ले आयो तेरे द्वार।सुन मेरी मैया ए ,भवानी जगदंबे, चुनर ले आयो तेरे द्वार।
जयपुर से पोत मंगा कर, कलकत्ते में रंगवायो। आरी तारी को मैया, ईमें बढ़िया काम करायो।जयपुर से पोत मंगा कर, कलकत्ते में रंगवायो। आरी तारी को मैया, ईमें बढ़िया काम करायो। चारों कुंट पर मोरिया, मां मोरिया,जचवाया प्यार से।सुन मेरी मैया ए ,भवानी जगदंबे, चुनर ले आयो तेरे द्वार।सुन मेरी मैया ए ,भवानी जगदंबे, चुनर ले आयो तेरे द्वार।
घने चाव से मैया, मैं चुनर एक बनायो। ईमें सांचा सांचा तारा,सांचों गोटो लगवायो।घने चाव से मैया, मैं चुनर एक बनायो। ईमें सांचा सांचा तारा,सांचों गोटो लगवायो। सांचा मोती मोकला, मां मोकला,जड़वाया प्यार से।सुन मेरी मैया ए ,भवानी जगदंबे, चुनर ले आयो तेरे द्वार।सुन मेरी मैया ए ,भवानी जगदंबे, चुनर ले आयो तेरे द्वार।
मंदिरिए में आयो , आयो मां चुनरी उड़ाने। मेहंदी लायो मैया ,थारे हाथों में रचाने।मंदिरिए में आयो , आयो मां चुनरी उड़ाने। मेहंदी लायो मैया ,थारे हाथों में रचाने। प्रवीण की या विनती, या विनती ,थे ओढो प्यार से।सुन मेरी मैया ए भवानी जगदंबे चुनर ले आयो तेरे द्वार।सुन मेरी मैया ए भवानी जगदंबे चुनर ले आयो तेरे द्वार।
सुन मेरी मैया ए ,भवानी जगदंबे, चुनर ले आयो तेरे द्वार। कर लो कर लो मां इसे स्वीकार।सुन मेरी मैया ए ,भवानी जगदंबे, चुनर ले आयो तेरे द्वार।सुन मेरी मैया ए ,भवानी जगदंबे, चुनर ले आयो तेरे द्वार।