करली फागुन की तैयारी, खाटू नगरी जाना से। श्याम धनी के खाटू में, जमकर के फाग मनाना से।करली फागुन की तैयारी, खाटू नगरी जाना से। श्याम धनी के खाटू में, जमकर के फाग मनाना से।
रिंग्स के उस मोड़ से बाबा, श्याम निशान उठाएंगे। तोरण द्वार पर ढोल बजेगा, रंग गुलाल उड़ाएंगे।रिंग्स के उस मोड़ से बाबा, श्याम निशान उठाएंगे। तोरण द्वार पर ढोल बजेगा, रंग गुलाल उड़ाएंगे। नाचेंगे जी भर के सांवरा, तने भी खूब नचाना से।श्याम धनी के खाटू में, जमकर के फाग मनाना से।करली फागुन की तैयारी, खाटू नगरी जाना से। श्याम धनी के खाटू में, जमकर के फाग मनाना से।
ऐसी सजाती खाटू नगरी, सबका मन हर्सावे। जो आ गए इस मेले में, उसे थारा रंग चढ़ जावे।ऐसी सजाती खाटू नगरी, सबका मन हर्सावे। जो आ गए इस मेले में, उसे थारा रंग चढ़ जावे। देखेगी यह दुनिया सारी, ऐसा रंग जमाना से।श्याम धनी के खाटू में, जमकर के फाग मनाना से।करली फागुन की तैयारी, खाटू नगरी जाना से। श्याम धनी के खाटू में, जमकर के फाग मनाना से।
कोई नाचता आवे कोई, पेट पलनीया आवे से। श्याम के दर भक्तों का मेला, दिन दिन बढ़ता जावे से।कोई नाचता आवे कोई, पेट पलनीया आवे से। श्याम के दर भक्तों का मेला, दिन दिन बढ़ता जावे से। राधिका करें उसकी चाकरी, जिसका दर यह दीवाना से।श्याम धनी के खाटू में, जमकर के फाग मनाना से।करली फागुन की तैयारी, खाटू नगरी जाना से। श्याम धनी के खाटू में, जमकर के फाग मनाना से।
करली फागुन की तैयारी, खाटू नगरी जाना से। श्याम धनी के खाटू में, जमकर के फाग मनाना से।करली फागुन की तैयारी, खाटू नगरी जाना से। श्याम धनी के खाटू में, जमकर के फाग मनाना से।