तीखे नैन घुंघराले बाल, नटखट भी है,और टेढ़ी है चाल। खेलन होली निकलयो घर से, दोनों हाथन में भर के गुलाल। रंग तोपे डारेगी राधा, बच न पाओगे मोहन। प्रेम में तोरे कन्हैया बन गई मैं तेरी जोगन। झूमें देख देख तो है मोरा अंग अंग। बरसा दे कन्हैया प्रेम रंग, आज खेल मेरे होली संग।बरसा दे कन्हैया प्रेम रंग, आज खेल मेरे होली संग।
कुंज गली में छुपे है गोपाल, फेंक के मुंह पर भागे रे गुलाल। सब सखियन का हुआ बुरा हाल, हाय डर जाऊं आए जब तेरा ख्याल। जागे जागे से है नैन मेरे, पर देख तेरे सपने। लगी रहती है सांसे, मेरी नाम तेरा जपने। बैया पकड़े है मोरी, खींचे और ये अपने। देखे मोहे यह ऐसे, पलक न देवे झपकने। झूमें देख देख तोहै मोरा अंग अंग।बरसा दे कन्हैया प्रेम रंग, आज खेल मेरे होली संग।बरसा दे कन्हैया प्रेम रंग, आज खेल मेरे होली संग।
हो आए बरसाने होली खेलन मुरारी, जानू मैं भी उसके मन की बात सारी। मारे मौपे कस के पिचकारी, भीग गई मैं तो सारी की सारी। सबके ऊपर डाले रंग कन्हैया, झूमें खेले नाच, करे ताता थैया। आ गई मोहन की टोली, रंगों की लाए हैं भर के झोली। बच ना पाएगा कोई,जब कान्हा खेलन लगे होली।झूमें देख देख तोहै मोरा अंग अंग।बरसा दे कन्हैया प्रेम रंग, आज खेल मेरे होली संग।बरसा दे कन्हैया प्रेम रंग, आज खेल मेरे होली संग।
हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे।हरे राम हरे राम राम राम राम हरे हरे।