तर्ज, आज मंगलवार है बालाजी का बार है
फागुन को त्योहार से,राजी लखदातार से। चालो भक्तों खाटू चाला, बुला रहयो दातार से।फागुन को त्योहार से,राजी लखदातार से, चालो भक्तों खाटू चाला, बुला रहयो दातार से।
खाटू का से गजब नजारा, भगत ये खाटू जारया से। खाटू की गलियां में यह ,जयकारे खूब लग रिया से। इत्तर की मेहकार से, महक रहा दरबार से।चालो भक्तों खाटू चाला, बुला रहयो दातार से।फागुन को त्योहार से,
हरियाणा रा जट्ट ठानी है,सारे टिकट कटा रिया से। एमपी और पंजाब से भी ,भर भर गाड़ी आरिया से। श्याम कर इंतजार से, मिलन ने बस लाचार से।चालो भक्तों खाटू चाला, बुला रहयो दातार से।फागुन को त्योहार से,
मेरे बगल आला बनिया, 10 दिन की छुट्टी लेरिया से। सामने वाला ब्राह्मण भी रे,उसकी गेलयां हो रिया से। रवि भी अब तैयार से,संग सारा कुनबा तैयार से।चालो भक्तों खाटू चाला, बुला रहयो दातार से।फागुन को त्योहार से,
फागुन को त्योहार से,राजी लखदातार से। चालो भक्तों खाटू चाला, बुला रहयो दातार से।फागुन को त्योहार से,राजी लखदातार से, चालो भक्तों खाटू चाला, बुला रहयो दातार से।