होली खेलने आए हैं, मेरे बांके बिहारी।होली खेलने आए हैं, मेरे बांके बिहारी। ब्रज रंगीन गलियों में धूम है भारी।ब्रज रंगीन गलियों में धूम है भारी। हो रंग मलमल के , रंग मलमल के ,कान्हा को रंगना। रंग बिखरे हैं मोरे अंगना।रंग मलमल के ,कान्हा को रंगना। रंग बिखरे हैं मोरे अंगना।रंग मलमल के ,कान्हा को रंगना। रंग बिखरे हैं मोरे अंगना।
हवा में लाल पीले रंग उड़ावे। रंग उड़ावे और सखियन को मारे।हवा में लाल पीले रंग उड़ावे। रंग उड़ावे और सखियन को मारे। अबीर गुलाल भर भर के डारे। देखन है आए ब्रज में सारे। की होली खेले हैं आज मोरे कृष्ण मुरारी।ब्रज रंगीन गलियों में धूम है भारी।ब्रज रंगीन गलियों में धूम है भारी। हो रंग मलमल के , रंग मलमल के ,कान्हा को रंगना। रंग बिखरे हैं मोरे अंगना।रंग मलमल के ,कान्हा को रंगना। रंग बिखरे हैं मोरे अंगना।रंग मलमल के ,कान्हा को रंगना। रंग बिखरे हैं मोरे अंगना।
भर भर के मारे झरोखों से पानी। सबको भीगाएंगे कान्हा ने ठानी।भर भर के मारे झरोखों से पानी। सबको भीगाएंगे कान्हा ने ठानी। इधर-उधर भागे सब बृजवासी, देख मुस्काए राधा प्यारी। हो होली खेलने आए हैं मेरे बांके बिहारी।ब्रज रंगीन गलियों में धूम है भारी।ब्रज रंगीन गलियों में धूम है भारी। हो रंग मलमल के , रंग मलमल के ,कान्हा को रंगना। रंग बिखरे हैं मोरे अंगना।रंग मलमल के ,कान्हा को रंगना। रंग बिखरे हैं मोरे अंगना।रंग मलमल के ,कान्हा को रंगना। रंग बिखरे हैं मोरे अंगना।
होली खेलने आए हैं, मेरे बांके बिहारी।होली खेलने आए हैं, मेरे बांके बिहारी। ब्रज रंगीन गलियों में धूम है भारी।ब्रज रंगीन गलियों में धूम है भारी। हो रंग मलमल के , रंग मलमल के ,कान्हा को रंगना। रंग बिखरे हैं मोरे अंगना।रंग मलमल के ,कान्हा को रंगना। रंग बिखरे हैं मोरे अंगना।रंग मलमल के ,कान्हा को रंगना। रंग बिखरे हैं मोरे अंगना।
रंग मलमल के ,कान्हा को रंगना। रंग बिखरे हैं मोरे अंगना।रंग मलमल के ,कान्हा को रंगना। रंग बिखरे हैं मोरे अंगना।रंग मलमल के ,कान्हा को रंगना। रंग बिखरे हैं मोरे अंगना।रंग मलमल के ,कान्हा को रंगना। रंग बिखरे हैं मोरे अंगना