त्रिनेत्र त्रिलोक की दृष्टि, भय से जिसके कांपती है सृष्टि। मोह माया से दूर मिला वो, भांग धतूरा भूतों की बस्ती।। ऐसा देव त्रिलोक में महान है, संसार में उसका ही धाम है। डमरू बाजे उसका डम डम,महादेव के हैं हम । हर हर महादेव।महादेव के हैं हम । हर हर महादेव।महादेव के हैं हम ।महादेव के हैं हम ।
शिव शंभू की देखो माया। शमशानों में धुना रमाया। इस दुनिया को भूल के शंभू, भोलेनाथ मैंने तुझको पाया। उसके चरणों में मेरा प्रणाम है।महादेव के हैं हम ।हर हर महादेव।महादेव के हैं हम ।हर हर महादेव।महादेव के हैं हम ।हर हर महादेव।महादेव के हैं हम ।
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं। विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम्॥
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं। चिदाकाशमाकाशवासं भजे हं।।
केदार और कैलाश में उसका ही धाम है। देवों का देव तीनों लोक में महान है। बोलो जय महाकाल बोल बम बम।महादेव के हैं हम ।हर हर महादेव।महादेव के हैं हम ।हर हर महादेव।महादेव के हैं हम ।हर हर महादेव।महादेव के हैं हम ।हर हर महादेव।महादेव के हैं हम ।हर हर महादेव।