थारी ही लगनिया में लगना है। थारे भक्ति रंग में बाबा घूलना है। श्याम की होरी के रंग में रंगना है।श्याम की होरी के रंग में रंगना है।
भक्ति की पिचकारी से में बाबा रंग लगाऊं। तेरे नाम की मैं बाबा जोगन हो जाऊं।भक्ति की पिचकारी से में बाबा रंग लगाऊं। तेरे नाम की मैं बाबा जोगन हो जाऊं। दिल के आंगनीये में बाबा हरदम तुझे बुलाऊ। दिल की नगरी में बाबा तेरा दरबार लगाऊं। नाम तो तेरा ही बाबा जपना है। तेरी ही माला मुझे रटना है।नाम तो तेरा ही बाबा जपना है। तेरी ही माला मुझे रटना है।श्याम की होरी के रंग में रंगना है।श्याम की होरी के रंग में रंगना है।
फागुन के महीने में आया खाटू का मेला। भीड़ बड़ी भारी बाबा मेला है अलबेला।फागुन के महीने में आया खाटू का मेला। भीड़ बड़ी भारी बाबा मेला है अलबेला। बाबा मेरा बड़ा दयालु झोली सबकी भरता। जो कर ले बस दिल से भक्ति, सबके दुख को हरता। खाटू में आऊं यही सपना है। बाबा मेरा बस तू ही अपना है।खाटू में आऊं यही सपना है। बाबा मेरा बस तू ही अपना है।श्याम की होरी के रंग में रंगना है।श्याम की होरी के रंग में रंगना है।श्याम की होरी के रंग में रंगना है।श्याम की होरी के रंग में रंगना है।श्याम की होरी के रंग में रंगना है।श्याम की होरी के रंग में रंगना है।