आजा आजा गोकुल के सांवरिया, खेलेंगे हम होली।आजा आजा गोकुल के सांवरिया, खेलेंगे हम होली। वृंदावन की कुंज गली में बुला रही है सखियां।आजा आजा गोकुल के सांवरिया, खेलेंगे हम होली।आजा आजा गोकुल के सांवरिया, खेलेंगे हम होली।
एक साल के बाद में ऐसा,प्यारा मौका आया।रंग तुमको लगाने कान्हा तुमको बुलाया।एक साल के बाद में ऐसा,प्यारा मौका आया।रंग तुमको लगाने कान्हा तुमको बुलाया।सुन बनवारी भर पिचकारी, रंग दे कोरी चुनरिया।आजा आजा गोकुल के सांवरिया, खेलेंगे हम होली।आजा आजा गोकुल के सांवरिया, खेलेंगे हम होली।
प्रेम भरी अपनी नजरों से, कान्हा मुझको निहारो। अपने अंग लगाकर केशव, हम प्रेमी को तारो।प्रेम भरी अपनी नजरों से, कान्हा मुझको निहारो। अपने अंग लगाकर केशव, हम प्रेमी को तारो। आज हमारी है गिरधारी व्याकुल बड़ी नजरिया।आजा आजा गोकुल के सांवरिया, खेलेंगे हम होली।आजा आजा गोकुल के सांवरिया, खेलेंगे हम होली।
फागुन का है मस्त महीना मस्ती तेरी छाई। तुम ही बसा है दिल में मेरे माधव मदन कन्हाई।फागुन का है मस्त महीना मस्ती तेरी छाई। तुम ही बसा है दिल में मेरे माधव मदन कन्हाई। दिल दीवाना अब ना माना छलका दे रस की गगरिया।आजा आजा गोकुल के सांवरिया, खेलेंगे हम होली।आजा आजा गोकुल के सांवरिया, खेलेंगे हम होली।
आजा आजा गोकुल के सांवरिया, खेलेंगे हम होली।आजा आजा गोकुल के सांवरिया, खेलेंगे हम होली। वृंदावन की कुंज गली में बुला रही है सखियां।आजा आजा गोकुल के सांवरिया, खेलेंगे हम होली।आजा आजा गोकुल के सांवरिया, खेलेंगे हम होली।