ओ बंदा हाथा रा धंधा है हजार, जिभिया रो कोई काम नहीं।ओ बंदा हाथा रा धंधा है हजार, जिभिया रो कोई काम नहीं।
जीभिया में अमृत बसे रामा, जीभिया माही जहर।जीभिया में अमृत बसे रामा, जीभिया माही जहर।जीभिया मिलावे भगवान से और, जीभिया घलायी दे जगमे बैर,जिभिया रो कोई काम नहीं।ओ बंदा हाथा रा धंधा है हजार, जिभिया रो कोई काम नहीं।ओ बंदा हाथा रा धंधा है हजार, जिभिया रो कोई काम नहीं।
इन जीभिया से जिमता रा जीभिया है संजोग।इन जीभिया से जिमता रा जीभिया है संजोग।रामजी जीभिया है संजोग।जीभिया मिलावे भगवान से और, जीभिया घलायी दे जगमे बैर,जिभिया रो कोई काम नहीं।ओ बंदा हाथा रा धंधा है हजार, जिभिया रो कोई काम नहीं।ओ बंदा हाथा रा धंधा है हजार, जिभिया रो कोई काम नहीं।
इन हाथों से जिम झूठ कर, कई करियो काम।इन हाथों से जिम झूठ कर, कई करियो काम। सुनो सखी एक बात कहूं, व्रत करो तो करियो दान,जिभिया रो कोई काम नहीं।ओ बंदा हाथा रा धंधा है हजार, जिभिया रो कोई काम नहीं।ओ बंदा हाथा रा धंधा है हजार, जिभिया रो कोई काम नहीं।
चार पहर धंधा में खोया, चार पहर रहा सोए।चार पहर धंधा में खोया, चार पहर रहा सोए।रामजी चार पहर रहा सोए। कहत कबीर सुनो भाई साधु मुक्ति किस विधि होय,जिभिया रो कोई काम नहीं।ओ बंदा हाथा रा धंधा है हजार, जिभिया रो कोई काम नहीं।ओ बंदा हाथा रा धंधा है हजार, जिभिया रो कोई काम नहीं।
ओ बंदा हाथा रा धंधा है हजार, जिभिया रो कोई काम नहीं।ओ बंदा हाथा रा धंधा है हजार, जिभिया रो कोई काम नहीं।