सुन खाटू के श्याम धनी, दरवाजे पे दुनिया खड़ी।सुन खाटू के श्याम धनी, दरवाजे पे दुनिया खड़ी। लावा जोर की जयकार, म्हारा श्याम ही सरकार, लेकर हाथों में मोर छड़ी, दरवाजे पर दुनिया खड़ी।सुन खाटू के श्याम धनी, दरवाजे पे दुनिया खड़ी।
कोई एमपी ते,कोई यूपी ते, कोई दिल्ली ते आया।कोई एमपी ते,कोई यूपी ते, कोई दिल्ली ते आया। कोई गुजराती कोई मराठी कोई पंजाबी भाया। भक्त हरियाणा का खास, मेरा रेलवे का पास, पावे टेशन पर गाड़ी खड़ी।दरवाजे पे दुनिया खड़ी।सुन खाटू के श्याम धनी, दरवाजे पे दुनिया खड़ी।
कोई लड्डू कोई बर्फी कोई चूरमा लाया।कोई लड्डू कोई बर्फी कोई चूरमा लाया। कोई मीठा कोई तीखा छप्पन भोग लगाया। म्हारी जाटनी भी साथ, लाई खिचडो भी खास, साग दूध कि या बाल्टी भरी।दरवाजे पे दुनिया खड़ी।सुन खाटू के श्याम धनी, दरवाजे पे दुनिया खड़ी।
कलयुग का है देव निराला, सच्चा न्याय चुकावे।कलयुग का है देव निराला, सच्चा न्याय चुकावे। उसकी होती इच्छा पूरी जो खाटू में आए। जो हारे का देता साथ, कर लेता जो मन की बात, रोशन कर देगा यह हर घड़ी।दरवाजे पे दुनिया खड़ी।सुन खाटू के श्याम धनी, दरवाजे पे दुनिया खड़ी।
सुन खाटू के श्याम धनी, दरवाजे पे दुनिया खड़ी।सुन खाटू के श्याम धनी, दरवाजे पे दुनिया खड़ी। लावा जोर की जयकार, म्हारा श्याम ही सरकार, लेकर हाथों में मोर छड़ी, दरवाजे पर दुनिया खड़ी।सुन खाटू के श्याम धनी, दरवाजे पे दुनिया खड़ी।